मैया मेरी

कीर्तन
एक बात मैया मेरी याद रखना...मन्जू गोपालन/श्री सनातन धर्म महिला समिति, कीर्तन स्थान: बाग मुज़फ़्फ़र खां, आगरा यहां क्लिक करके यू ट्यूब पर देखिए मैया मेरी

Tuesday, July 21, 2009

श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव

श्री सनातन धर्म महिला समिति द्वारा
श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन

मंजू गोपालन के अथक प्रयासों और स्थानीय श्रद्धालुओं के सहयोग से हर वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव आयोजित होता है। इसमें छोटे-छोटे बच्चों की प्रमुख रूप से भागीदारी होती है। मंजू गोपालन द्वारा लगभग एक माह तक 10-12 साल तक की आयु के बच्चों को विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है। काफी अभ्यास के बाद बच्चे मंच पर मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं जिसे श्रद्धालु दर्शकों की भरपूर सराहना मिलती है।

श्री सनातन धर्म महिला समिति द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। भाद्रपद श्री कृष्ण अष्टमी, विक्रम सम्वत् 2066 यानी 13 अगस्त, 2009 को स्थानीय शारदा कॉन्वेंट स्कूल 25 फुट रोड, चाणक्य प्लेस के प्रांगण में आयोजित होने वाला यह 11वां कार्यक्रम होगा।

मंजू गोपालन के अथक प्रयासों और स्थानीय श्रद्धालुओं के सहयोग से हर वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव आयोजित होता है। इसमें छोटे-छोटे बच्चों की प्रमुख रूप से भागीदारी होती है। मंजू गोपालन द्वारा लगभग एक माह तक 10-12 साल तक की आयु के बच्चों को विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है। काफी अभ्यास के बाद बच्चे मंच पर मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं जिसे श्रद्धालु दर्शकों की भरपूर सराहना मिलती है। इस अवसर पर सजीव झांकियां, विशेष नृत्य, डांडिया नृत्य, श्री कृष्ण बाल रूप सज्जा, विशेष भजन-कीर्तन, श्री कृष्ण जन्म, प्रसाद वितरण आदि के अलावा विशेष अतिथि द्वारा प्रतिभागी बच्चों को प्रमा पत्र तथा उपहार प्रदान किये जाते हैं।

स्कूल प्रांगण श्रद्धालुओं से खचाखच भर जाता है। लोग आसपास के मकानों की छत पर बैठकर और सड़क पर खड़े रहकर भी कार्यक्रम देखते हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए गत वर्ष प्रांगण के बाहर एक बड़ा पर्दा लगाया गया जिससे बाहर खड़े लोगों ने भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के पूरे कार्यक्रम का आनन्द लिया। इसके साथ ही स्थानीय चाणक्य केबल टीवी नेटवर्क के माध्यम से श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया। बाद में इस कार्यक्रम को केबल पर ही कई बार दिखाया गया।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के अवसर पर हिन्दी-ब्रज भाषा में आयोजित होने वाला क्षेत्र का एकमात्र अनूठा कार्यक्रम होता है जिसका पूरा श्रेय मंजू गोपालन को ही जाता है। इस धार्मिक आयोजन के लिए क्षेत्रवासी उनकी खूब प्रशंसा करते हैं। धार्मिक प्रवृत्ति की मंजू गोपालन मूल रूप से आगरा की हैं। सन् 1984 से वे दिल्ली में रह रही हैं। चाणक्य प्लेस क्षेत्र में हिन्दी-ब्रज भाषा के भजन-कीर्तन की लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए उन्होंने श्री सनातन धर्म महिला समिति के अन्तर्गत सन् 1995 में छोटी सी कीर्तन मण्डली का शुभारम्भ किया। उनके इस प्रयास की खूब सराहना हुई और लोगों ने उनके भजन-कीर्तन को बहुत पसन्द किया। धीरे-धीरे उनको लोग जान गये।

आज पूरे क्षेत्र में हिन्दी-ब्रज भाषा की उनकी ही एकमात्र मण्डली है। अपने क्षेत्र चाणक्य प्लेस के अलावा वे जनकपुरी, रोहिणी, जीवन पार्क, सागरपुर, महिन्द्रा पार्क, द्वारका, तिल नगर, राजा गार्डन, हरि नगर, पहाड़ गंज, ककरोला, मधु विहार, महावीर एन्क्लेव, ओम विहार, सीतापुरी, दशरथपुरी, पालम, कनॉट प्लेस, पीतमपुरा, सरिता विहार, दीपाली चैक, उत्तम नगर, नजफगढ़ आदि विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं के आमंत्रण पर वे भजन-कीर्तन का कार्यक्रम प्रस्तुत करती रही हैं। प्रायः जन्म दिन, शादी-विवाह, गृह प्रवेश, नये कार्य या व्यवसाय के शुभारम्भ, किसी शुभ अवसर पर या फिर जब मन करे तब उनसे भजन-कीर्तन करने का आग्रह किया जाता है। नवरात्र के दौरान वे काफी व्यस्त रहती हैं। एक दिन में 3 स्थानों पर भी जाना पड़ता है।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का कार्यक्रम रात्रि 8.30 से मध्य रात्रि 12.30 बजे तक जारी रहता है। इस भव्य आयोजन में 10-12 वर्ष तक की आयु के बच्चे शामिल किये जाते हैं। सभी बच्चे पूरे उत्साह के साथ जमकर अभ्यास करते हैं और मंच पर अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। मंच पर नृत्य नाटिका, नृत्य, डांडिया नृत्य आदि के साथ-साथ बाल श्री कृष्ण रूप सज्जा, विशेष अतिथि द्वारा प्रमाण पत्र व उपहार वितरण कार्यक्रम को श्रद्धालु प्रेमपूर्वक देखते हैं और अनेकानेक बार तालियां बजाकर सराहना करते हुए बच्चों का उत्साह बढ़ाते हैं। उल्लेखनीय है कि श्री कृष्ण बाल रूप सज्जा में मोर पंख के उपयोग की मनाही होती है।

*******************
आप
बनें सह
योगी
आप श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के आयोजन में
अपना सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है।
कृपया सम्पर्क करें- bhajankeertan@gmail.com b
� बच्चों के लिए उपहार (अनुमानित संख्या)- 25
� कार्यक्रम के आयोजन में विविध कार्यों हेतु
� प्रसाद-भण्डारा
आप चाहेंगे तो सहयोगियों की सूची में आपका
नाम भी प्रकाशित किया जाएगा।
*******************
बच्चों की प्रस्तुतियां समाप्त होने के बाद लगभग आधा घण्टा विशेष भजन-कीर्तन का आयोजन होता है। ठीक मध्य रात्रि 12 बजे जब श्री कृष्ण के जन्म की घोषणा की जाती है तो पूरा वातावरण उल्लासमय हो जाता है। हर तरफ जय कन्हैया लाल की और श्री कृष्ण की जय-जयकार गूंजने लगती है। आरती के बाद भोग लगाया जाता है और फिर पिसे धनिये, देशी घी, बूरे, मेवों फलों आदि से बना विशेष प्रसाद और दही, दूध, तुलसी, 5 मेवाओं, शहद, चीनी आदि से बना चरणामृत श्रद्धालुओं को वितरित किया जाता है।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के छठवें दिन छठी मनायी जाती है। इस अवसर पर अपरान्ह 2 बजे विशेष भजन-कीर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसके बाद पारम्परिक रूप से तैयार 6 वस्तुओं- मूंग की दाल, रोटी, कढ़ी, चावल, बेसन के लड्डू और हलुआ के अलावा भण्डारे के रूप में तैयार की गयी सामग्री पूड़ी, आलू की सब्जी और खीर का भोग लगाया जाता है। सायं लगभग 4।30 बजे प्रसाद के रूप में भण्डारे की सामग्री का वितरण किया जाता है जो 4-5 घण्टे निरन्तर चलता रहता है।

यह पूरा आयोजन एक अकेली मंजू गोपालन जैसी महिला की सामर्थ्य के बल पर ही हो पाता है। इन्होंने स्थानीय लोगों को जब कार्य करके दिखया तो धीरे-धीरे लोग जुड़ते चले गये। अब लोग स्वयं आगे आकर अपना सहयोग देने की इच्छा जताते हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के आयोजन को लेकर अनेक लोगों के विरोध और उनके द्वारा रुकावटें पैदा करने का भी उन्होंने दृढ़ता से सामना किया। कुछ शरारती और स्वयं को प्रभावशाली समझने का भ्रम पाले हुए लोगों ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के आयोजन को रोकने के लिए खूब चालें चलीं। लोगों से सहयोग न करने की अपील वाले पीले रंग के पर्चे भी बंटवाए।

धुन की पक्की मंजू गोपालन ने हार नहीं मान और उन्होंने सब श्री कृष्ण पर छोड़ दिया और वे पूरे परिवार के साथ श्री कृष्ण की सेवा में लगी रहीं। परिजनों का भरपूर सहयोग उन्हें हर बार मिलता रहा। राजनीति में सक्रिय स्थानीय समाज सेवी श्री अनिल ठाकुर इस आयोजन में विशेष रूप से रुचि लेकर गत 3 वर्षों से अपना भरपूर सहयोग दे रहे है। यहां के लोगों को मंजू गोपालन पर जो विश्वास था उसे वे अपनी चालबाजियों से डिगा नहीं सके। मजे की बात यह भी है कि उन चालबाजों में शामिल कुछ लोग अब मंजू गोपालन का ही सहयोग करते हैं। उल्लेखनीय है कि इस पूरे आयोजन में काफी समय, श्रम, धन आदी की आवश्यकता पड़ती है। मंजू गोपालन की हार्दिक अभिलाषा है कि वे श्री राधा कृष्ण का एक भव्य मन्दिर बनवाएं, देखें उनकी यह अभिलाषा कब पूरी होती है! वैसे उन्होंने अपनी यह अभिलाषा श्री कृष्ण पर ही छोड़ दी है-आप जानें...

प्रस्तुति: वी. कुमार



No comments:

सम्पर्क

सम्पर्क
भजन कीर्तन